भाषण क्रं.१
सभी सम्मानित लोगो को सादर प्रणाम ! आज, हम अपने देश के एक बहुत ही खास दिन – स्वतंत्रता दिवस – का जश्न मनाने के लिए यहां एकत्र हुए हैं। यह एक ऐसा दिन है जब हर भारतीय गर्व और खुशी महसूस करता है। इस दिन, हम उन बहादुर पुरुषों और महिलाओं को याद करते हैं और उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं जिन्होंने हमारी आजादी के लिए लड़ाई लड़ी। स्वतंत्रता दिवस ब्रिटिश शासन से हमारे देश की आजादी का जश्न मनाने का दिन है। 76 वर्ष पहले 15 अगस्त 1947 को आज ही के दिन भारत आज़ाद हुआ था। यह हमारे देश और नागरिको के लिए गर्व वाला दिन है। हमारे पूर्वजों ने आज़ादी की लड़ाई और हमारे लिए अपना जान न्योछावर किया, उसे ध्यान में रखते हुए हमें अपने देश को एक बेहतर देश बनाने की शपथ लेनी चाहिए।
सभी को आजादी की 77 वीं वर्षगाठ पर ढेर सारी शुभकामनाएं।
जय हिन्द! जय भारत!
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भाषण क्रमांक - २
स्वतंत्रता दिवस पर 1 मिनट का भाषण (Swatantrata diwas par 1 Minute ka bhashan)
आदरणीय मुख्य अतिथि महोदय, सम्मानित शिक्षकगण, अभिभावक एवं मेरे साथियों। स्वतंत्रता दिवस के इस पावन अवसर पर अपने विचार व्यक्त करने का सुअवसर प्राप्त कर मुझे हर्ष की अनुभूति हो रही है। यह हमारा 77वां स्वतंत्रता दिवस समारोह है। आज से ठीक 76 वर्ष पूर्व, हमें आजादी मिली थी। हमारे आजादी के संघर्ष की गाथा बहुत बड़ी है जिसका वर्णन एक दिन में नहीं हो सकता है। हर भारतीय के लिए स्वतंत्रता दिवस बहुत महत्व रखता है।
आज से 76 वर्ष पूर्व हम पर अंग्रेजों का शासन था, वे व्यापार के बहाने भारत आए और धीरे-धीरे सब कुछ अपने अधीन कर लिया और हमें अपना गुलाम बना लिया। फिर कई आंदोलन और लड़ाई लड़ने के बाद 15 अगस्त 1947 को भारत स्वतंत्र हुआ। हमारे देश के वीर योद्धाओं की वजह से आज हम स्वतंत्र हुए हैं और उन लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए इस दिन को मनाते हैं। स्वतंत्रता दिवस भारत के राष्ट्रीय पर्वों में से एक है।
जय हिन्द।
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भाषण क्रमांक - ३
स्वतंत्रता दिवस पर 5 मिनट का भाषण (Swatantrata diwas par bhashan)
मेरे सभी आदरणीय अधयापकों, अभिभावक, और प्यारे मित्रों को सुबह का नमस्कार। इस महान राष्ट्रीय अवसर को मनाने के लिये आज हमलोग यहाँ इकठ्ठा हुए हैं। जैसा कि हम जानते है कि स्वतंत्रता दिवस हम सभी के लिये एक मंगल अवसर है। ये सभी भारतीय नागरिकों के लिये बहुत महत्वपूर्ण दिन है तथा ये इतिहास में सदा के लिये उल्लिखित हो चुका है। ये वो दिन है जब भारत के महान स्वतंत्रता सेनानीयों द्वारा वर्षों के कड़े संघर्ष के बाद ब्रिटीश शासन से हमें आजादी मिली। भारत की आजादी के पहले दिन को याद करने के लिये हम हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाते है साथ ही साथ उन सभी महान नेताओं के बलिदानों को याद करते है जिन्होंने भारत की आजादी के लिये अपनी आहुति दी।
ब्रिटीश शासन से 15 अगस्त 1947 में भारत को स्वतंत्रता मिली। आजादी के बाद हमें अपने राष्ट्र और मातृभूमि में सारे मूलभूत अधिकार मिले। हमें अपने भारतीय होने पर गर्व होना चाहिये और अपने सौभाग्य की प्रशंसा करनी चाहिये कि हम आजाद भारत की भूमि में पैदा हुए है। गुलाम भारत का इतिहास सब कुछ बयाँ करता है कि कैसे हमारे पूर्वजों ने कड़ा संघर्ष किया और फिरंगियो कें क्रूर यातनाओं को सहन किया। हम यहाँ बैठ के इस बात की कल्पना नहीं कर सकते कि ब्रिटीश शासन से आजादी कितनी मुश्किल थी। इसने अनगिनत स्वतंत्रता सेनानीयों के जीवन का बलिदान और 1857 से 1947 तक कई दशकों का संघर्ष लिया है। भारत की आजादी के लिये अंग्रेजों के खिलाफ सबसे पहले आवाज ब्रिटीश सेना में काम करने वाले सैनिक मंगल पांडे ने उठायी थी।
बाद में कई महान स्वतंत्रता सेनानीयों ने संघर्ष किया और अपने पूरे जीवन को आजादी के लिये दे दिया। हम सब कभी भी भगत सिंह, खुदीराम बोस और चन्द्रशेखर आजाद को नहीं भूल सकते जिन्होंने बहुत कम उम्र में देश के लड़ते हुए अपनी जान गवाँ दी। हम नेताजी और गाँधी जी संघर्षों को कैसे दरकिनार कर सकते हैं। गाँधी जी एक महान व्यक्तित्व थे जिन्होंने भारतीयों को अहिंसा का पाठ पढ़ाया था। वो एक एकमात्र ऐसे नेता थे जिन्होंने अहिंसा के माध्यम के आजादी का रास्ता दिखाया और अंतत: लंबे संघर्ष के बाद 15 अगस्त 1947 को वो दिन आया जब भारत को आजादी मिली।
हमलोग काफी भाग्यशाली है कि हमारे पूर्वजों ने हमें शांति और खुशी की धरती दी है जहाँ हम बिना डरे रातों में सो सकते हैं और अपने स्कूल तथा घर में पूरा दिन मस्ती कर सकते हैं। हमारा देश तेजी से तकनीक, शिक्षा, खेल, वित्त, और कई दूसरे क्षेत्रों में विकसित कर रहा है जो कि बिना आजादी के संभव नहीं था। परमाणु ऊर्जा में समृद्ध देशों में एक भारत है। ओलंपिक, कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियन गेम्स जैसे खेलों में सक्रिय रुप से भागीदारी करने के द्वारा हमलोग आगे बढ़ रहे हैं। हमें अपनी सरकार चुनने की पूरी आजादी है और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का उपयोग कर रहे हैं। हाँ, हम मुक्त है और पूरी आजादी है हालाँकि हमें खुद को अपने देश के प्रति जिम्मेदारीयों से मुक्त नहीं समझना चाहिये। देश के जिम्मेदार नागरिक होने के नाते, किसी भी आपात स्थिति के लिये हमें हमेशा तैयार रहना चाहिये।
भाषण क्रमांक - २
स्वतंत्रता दिवस पर 1 मिनट का भाषण (Swatantrata diwas par 1 Minute ka bhashan)
आदरणीय मुख्य अतिथि महोदय, सम्मानित शिक्षकगण, अभिभावक एवं मेरे साथियों। स्वतंत्रता दिवस के इस पावन अवसर पर अपने विचार व्यक्त करने का सुअवसर प्राप्त कर मुझे हर्ष की अनुभूति हो रही है। यह हमारा 77वां स्वतंत्रता दिवस समारोह है। आज से ठीक 76 वर्ष पूर्व, हमें आजादी मिली थी। हमारे आजादी के संघर्ष की गाथा बहुत बड़ी है जिसका वर्णन एक दिन में नहीं हो सकता है। हर भारतीय के लिए स्वतंत्रता दिवस बहुत महत्व रखता है।
आज से 76 वर्ष पूर्व हम पर अंग्रेजों का शासन था, वे व्यापार के बहाने भारत आए और धीरे-धीरे सब कुछ अपने अधीन कर लिया और हमें अपना गुलाम बना लिया। फिर कई आंदोलन और लड़ाई लड़ने के बाद 15 अगस्त 1947 को भारत स्वतंत्र हुआ। हमारे देश के वीर योद्धाओं की वजह से आज हम स्वतंत्र हुए हैं और उन लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए इस दिन को मनाते हैं। स्वतंत्रता दिवस भारत के राष्ट्रीय पर्वों में से एक है।
जय हिन्द।
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भाषण क्रमांक - ३
स्वतंत्रता दिवस पर 5 मिनट का भाषण (Swatantrata diwas par bhashan)
मेरे सभी आदरणीय अधयापकों, अभिभावक, और प्यारे मित्रों को सुबह का नमस्कार। इस महान राष्ट्रीय अवसर को मनाने के लिये आज हमलोग यहाँ इकठ्ठा हुए हैं। जैसा कि हम जानते है कि स्वतंत्रता दिवस हम सभी के लिये एक मंगल अवसर है। ये सभी भारतीय नागरिकों के लिये बहुत महत्वपूर्ण दिन है तथा ये इतिहास में सदा के लिये उल्लिखित हो चुका है। ये वो दिन है जब भारत के महान स्वतंत्रता सेनानीयों द्वारा वर्षों के कड़े संघर्ष के बाद ब्रिटीश शासन से हमें आजादी मिली। भारत की आजादी के पहले दिन को याद करने के लिये हम हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाते है साथ ही साथ उन सभी महान नेताओं के बलिदानों को याद करते है जिन्होंने भारत की आजादी के लिये अपनी आहुति दी।
ब्रिटीश शासन से 15 अगस्त 1947 में भारत को स्वतंत्रता मिली। आजादी के बाद हमें अपने राष्ट्र और मातृभूमि में सारे मूलभूत अधिकार मिले। हमें अपने भारतीय होने पर गर्व होना चाहिये और अपने सौभाग्य की प्रशंसा करनी चाहिये कि हम आजाद भारत की भूमि में पैदा हुए है। गुलाम भारत का इतिहास सब कुछ बयाँ करता है कि कैसे हमारे पूर्वजों ने कड़ा संघर्ष किया और फिरंगियो कें क्रूर यातनाओं को सहन किया। हम यहाँ बैठ के इस बात की कल्पना नहीं कर सकते कि ब्रिटीश शासन से आजादी कितनी मुश्किल थी। इसने अनगिनत स्वतंत्रता सेनानीयों के जीवन का बलिदान और 1857 से 1947 तक कई दशकों का संघर्ष लिया है। भारत की आजादी के लिये अंग्रेजों के खिलाफ सबसे पहले आवाज ब्रिटीश सेना में काम करने वाले सैनिक मंगल पांडे ने उठायी थी।
बाद में कई महान स्वतंत्रता सेनानीयों ने संघर्ष किया और अपने पूरे जीवन को आजादी के लिये दे दिया। हम सब कभी भी भगत सिंह, खुदीराम बोस और चन्द्रशेखर आजाद को नहीं भूल सकते जिन्होंने बहुत कम उम्र में देश के लड़ते हुए अपनी जान गवाँ दी। हम नेताजी और गाँधी जी संघर्षों को कैसे दरकिनार कर सकते हैं। गाँधी जी एक महान व्यक्तित्व थे जिन्होंने भारतीयों को अहिंसा का पाठ पढ़ाया था। वो एक एकमात्र ऐसे नेता थे जिन्होंने अहिंसा के माध्यम के आजादी का रास्ता दिखाया और अंतत: लंबे संघर्ष के बाद 15 अगस्त 1947 को वो दिन आया जब भारत को आजादी मिली।
हमलोग काफी भाग्यशाली है कि हमारे पूर्वजों ने हमें शांति और खुशी की धरती दी है जहाँ हम बिना डरे रातों में सो सकते हैं और अपने स्कूल तथा घर में पूरा दिन मस्ती कर सकते हैं। हमारा देश तेजी से तकनीक, शिक्षा, खेल, वित्त, और कई दूसरे क्षेत्रों में विकसित कर रहा है जो कि बिना आजादी के संभव नहीं था। परमाणु ऊर्जा में समृद्ध देशों में एक भारत है। ओलंपिक, कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियन गेम्स जैसे खेलों में सक्रिय रुप से भागीदारी करने के द्वारा हमलोग आगे बढ़ रहे हैं। हमें अपनी सरकार चुनने की पूरी आजादी है और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का उपयोग कर रहे हैं। हाँ, हम मुक्त है और पूरी आजादी है हालाँकि हमें खुद को अपने देश के प्रति जिम्मेदारीयों से मुक्त नहीं समझना चाहिये। देश के जिम्मेदार नागरिक होने के नाते, किसी भी आपात स्थिति के लिये हमें हमेशा तैयार रहना चाहिये।
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